Comments on: The Whispering Bookshelves of Dhauladhar
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Travel Tales|Conversations|Stories|LifestyleSat, 17 Nov 2018 02:51:47 +0000hourly1https://wordpress.org/?v=4.9.8By: अरविन्द
https://tarungoel.in/2016/04/27/library-indru-nag-dharmshala/comment-page-1/#comment-60774
Wed, 26 Oct 2016 15:56:37 +0000https://tarungoel.in/?p=4619#comment-60774कालजयी कुमार गन्धर्व , फराज से लेकर हिस्ट्री आफ पंजाब हिल स्टेट्स ,वेद -पुराण -उपनिषद , कुरान गुरुग्रंथ साहिब – हिमाचल हिस्ट्री , हिमाचली लेखक -कवि , उर्दू -भोटी इंग्लिश , पहाड़ी ग़ालिब , पंजाबी आदि ज्यादातर सब किताबों को रक्खा गया है ,, इंद्रु नाग आओ चाय पियो काफी पियो किताबें पढिये जो खाना है खाओ साथ -साथ -तानपुरा सुनो ..किताब यहाँ ही पढिये वापिस अलमारी में रखिये …किताब यहाँ से ले नहीं जा सकते क्यूंकि एक -एक कापी है … मैं जो किताब पढ लेता हूँ पढ कर यहाँ रख देता हूँ क्यूंकि मेरे बाद कोई और भी पढ सकता … अगर आप घर में किताबों के रैक्स भर के सजाने के मोह से उठ चुकें हैं तो आप भी अपनी किताबें यहाँ रख सकते हैं …..यहाँ किताबें बेचीं नहीं पढीं जाती हैं ….
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