Comments on: जोरू का ग़ुलाम https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/ TravelTales,Conversations,Stories, and Life Tue, 01 Jul 2014 05:09:37 +0000 hourly 1 http://wordpress.org/?v=3.9.1 By: Ashok Singh Cheema https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/comment-page-1/#comment-8207 Wed, 21 Mar 2012 05:01:08 +0000 https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/#comment-8207 आ हा हा हा हा हा भाई मस्त लिखा है बड़ा सटीक लिखा है जितना भी लिखा है । काफी दिनो बाद हंसा हु । शुक्रिया!

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By: Renu https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/comment-page-1/#comment-1322 Thu, 24 Nov 2011 12:18:40 +0000 https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/#comment-1322 very relevant topic..though now a days boys do more:)

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By: Ajit Singh Taimur https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/comment-page-1/#comment-1315 Mon, 14 Nov 2011 16:50:48 +0000 https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/#comment-1315 बहुत ही बेहतरीन topic पर चर्चा छेड़ दी है आपने …….मैं अपने एक बहुत अच्छे दोस्त के घर में इस मुद्दे पर कलह होती देख रहा हूँ ……..बेचारे ने कभी आज तक एक गिलास पानी तक ले के नहीं पिया ….अब बीवी working woman आ गयी है ….बड़ा धर्म संकट है बेचारे के घर में ….पर मुझे अपने खुद के घर का scene याद आता है …..माँ हमेशा गृहणी रही पर पिता जी हमेशा घर के काम में हाथ बंटाते थे …ख़ास तौर पे रसोई में ……..माँ ने हमें भी घर के कामों के लिए प्रेरित किया …….आज हम दोनों भाई ज़रुरत पड़ने पर पूरा घर सम्हाल लेते हैं ….वही संस्कार मैंने अपने बेटों को दिया हैं …आज मेरे बेटे घर का पूरा काम ….खाना ,बर्तन धोना , साफ़ सफाई , सब अच्छे से कर लेते हैं …….मुझे याद है एक बार मेरे 10 साल के बेटे ने वो राजमा बनाए थे की हम लोग बस उंगलियाँ चाटते रह गए थे ……..ख़ास तौर पे जिन बच्चों को अकेले hostels में रहना हो …बाहर रह के पढना हो , नौकरी करनी हो , उन्हें तो इन सब कामों में निपुण होना ही चाहिए ……….अरे भाई ये तो life skills हैं ……….और फिर पत्नी की मदद करने में कैसी शर्म ……घर परिवार में कैसी ego …..पर ये संस्कार देना माता पिता का काम है ….बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय पे बेहतरीन लेख …..आपको साधुवाद ……

अजित सिंह तैमूर

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By: lucky>>> https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/comment-page-1/#comment-1313 Tue, 08 Nov 2011 14:49:35 +0000 https://tarungoel.in/2011/11/07/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%bc%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae/#comment-1313 typical…lateral thinking touch is missing….घरेलू देसी पेशकश :(

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